Source – ANI
इटावा का जिला अस्पताल बना गरीबों की खून पसीने की कमाई को लूटने की जगह , यूपी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जितनी प्रतिबद्ध है उतना ही स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ें कर्मचारी और डॉक्टर्स उन सेवाओं को पलीता लगाते आप देख सकते हैं।
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग गरीबों का पेट काटकर अपना पेट भरने में लगे हुए हैं, जिला अस्पताल में इलाज़ के लिए पहुंचने वाले मरीजों से ऑपरेशन के नाम पर रुपए लेने का खेल बदस्तूर जारी पथरी हो, बच्चा दानी हो या फ्रेक्चर किसी भी तरह का ऑपरेशन हो 10 से 15 हज़ार रुपए लेकर डॉक्टर्स ऑपरेशन करते हैं जिला अस्पताल में एक परेशानी की बात ये है कि यहां आए हुए मरीज मजबूरी वश अपना पेट कटवाकर निकल जाते हैं लेकिन लिखित शिकायत कोई नहीं कर पाता और इस वजह से यहां डॉक्टरों के हौंसले बुलंद हैं , दुर्भाग्य की बात ये भी है कि 100 पीड़ित मरीजों में से कोई 1पीड़ित मरीज बोलता है और 99 मरीज या तो डर की वजह से या फिर कौन पचड़े में फंसे, हमारे मरीज का इलाज़ हो गया है और वो ठीक है बाहर बहुत पैसा लगता है ऐसा कहकर चले जाते हैं।
अधिकारी शिकायत न मिलने और जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेने में बखूबी माहिर हो चुके हैं और इस वजह से दिनों दिन लाख रुपए कमाने वाले डॉक्टर्स गरीबों की जेब में डाका डाल रहे हैं। निर्मला देवी, श्रीदेवी, सौरभ और न जाने कितने जिनसे ठगई की जा रही है और सरकार की गरीबों के लिए दी जाने वाली छूट को पलीता लगाया जा रहा है। डर की वजह से कोई भी लिखित में शिकायत नहीं देता। कुछ कैमरे पर बोल जाते हैं और कुछ मरीज कैमरे के पीछे अपना दर्द बयां करते है।
आखिर कब तक गरीबों की जेब पर डाला जाता रहेगा डाका ये बड़ा सवाल तो है लेकिन शायद इसका जवाब न मेरे पास है और न ही किसी अधिकारी के?