सैफई,इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के निर्देशों के पालननुसार12-18 अगस्त तक सप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम के साथ राष्ट्रीय रैगिंग विरोधी सप्ताह का समापन हुआ। 12 अगस्त को राष्ट्रीय एंटी रैगिंग दिवस के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रो.डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि रैगिंग के प्रति विश्वविद्यालय की शून्य-सहिष्णुता नीति पर जोर दिया और सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित व सम्मानजनक वातावरण बनाए रखने के महत्व पर अपने विचार साझा किए व उन्होंने छात्रों से कहा कि रैगिंग के विरुद्ध अवश्य अपनी आवाज उठाओ। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ रमाकांत ने भी छात्र-छात्राओं को रैगिंग के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया और कहा छात्रों के बीच सम्मान और समावेश्ता की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।
यूजीसी एंटी रैगिंग इकाई के सदस्य व डिपार्टमेंटल ऑफ़ डेंटल सर्जरी एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा से आए प्रो.डॉ एस के कथारिया ने भी अपने व्याख्यान में चिकित्सा संस्थानों में रैगिंग की समस्याओं पर अंकुश लगाने के संदर्भ में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सभी संकायध्यक्षों ने भी मेडिकल छात्र-छात्राओं से बात की और राष्ट्रीय एंटी रैगिंग दिवस पर अपने विचार साझा किए।एंटी रैगिंग सेल अध्यक्ष प्रो. डॉ सोमेंद्र पाल सिंह ने बताया कि कैंपस में छात्र-छात्राओं ने रंगोली पोस्टर कंपटीशन और रैली का आयोजन हुआ व पूरे सप्ताह जागरूकता कार्यक्रमों में मेडिकल छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रैगिंग विरोधी दिवस एवं सप्ताह का आयोजन एक सुरक्षित और अधिक समावेशी परिसर वातावरण को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। विभिन्न आयोजनों के द्वारा रैगिंग उन्मूलन के प्रति विश्वविद्यालय के समर्पण को प्रभावी ढंग से रेखांकित किया। और एक सहायक शैक्षणिक समुदाय बनाने में छात्रों,शिक्षकों और कर्मचारियों की सामूहिक जिम्मेदारी को रेखांकित किया। डॉ.अर्पित वर्मा, डॉ.निशा यादव,डॉ.राजमंगल और डॉ.अजय गुप्ता के योगदान की सराहना की गई।