अभिभावकों के साथ स्कूल में उपस्थित थे लगभग सवा सौ मासूम बच्चे
पीआरवी 1611 की सूचना पर हुआ कोबरा सर्प का सुरक्षित रेस्क्यू
डॉ आशीष त्रिपाठी के प्रयासों से जनपद की जनता हुई सर्पदंश से पूर्ण भयमुक्त
इटावा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत NH2 स्थित ग्राम विचारपुरा में एक खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा स्कूल में बने भंडारण कक्ष के दरवाजे पर चूहा खाकर आराम से बैठ गया था तभी बच्चों का खाना बनाने वाली रसोइया रेखा देवी की नजर उस कोबरा पर पड़ी तो वह कोबरा देखकर बुरी तरह से डरकर कर वहां से भागी और उसने स्कूल के शिक्षकों को सूचित किया, तभी स्कूल के शिक्षक डॉ पीयूष दीक्षित ने मदद के लिए डायल 112 को मौके पर बुलाया जिसके बाद तत्काल पीआरवी 1611 से एसआई कमल किशोर तिवारी,कांस्टेबल रजनी सिंह, कांस्टेबल मीरा सिंह कांस्टेबल ड्राइवर सत्येंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने कोबरा सर्प के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए जनपद के वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को फोन पर सूचना दी।
5 मिनट में ही किया गया रेस्क्यू,सभी को मिली राहत
डॉ आशीष ने मौके पर जाकर 5 मिनट में ही उस खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा सर्प को सुरक्षित रेस्क्यू कर पूरे स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को भय मुक्त कर दिया। शिक्षक डॉ पीयूष दीक्षित ने बताया कि,सभी शिक्षको सहित विधालय में मौजूद लगभग एक सैकड़ा से अधिक बच्चे भी बहुत कोबरा सर्प देखकर बहुत ज्यादा डरे हुए थे एवम किसी भी बच्चे को कोबरा सर्प के पास नहीं ही जाने दिया गया। आज स्कूल में शिक्षक अभिभावक बैठक भी थी। लेकिन अब डॉ आशीष त्रिपाठी के द्वारा उस खतरनाक सर्प को रेस्क्यू करने के बाद हम सभी का भय बिलकुल खत्म हो गया है। जिसके लिए हम सभी डॉ आशीष के विशेष आभारी है।
सर्प मित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने दी घटना की जानकारी
मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव,सर्प विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि यह एक लगभग 4 फीट लम्बा मेल स्पेक्टिकल कोबरा था जिसमे खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम मौजूद होता है इसने चूहा खाया हुआ था जिसकी वजह से वह काफी देर से एक ही जगह बैठा हुआ था। उन्होंने सभी शिक्षकों व बच्चों को मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि, जहरीले सर्प कोबरा या करैत के काटने के बाद सर्प दंश का सुरक्षित इलाज सिर्फ एंटीवेनम से ही संभव होता है जो कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कमरा नम्बर 3 में मौजूद रहता है। उन्होंने बताया की स्कूल में सभी बच्चे और ग्रामीण बिल्कुल सुरक्षित है।
कोबरा सर्प को रेस्क्यू करने के बाद सुरक्षित तरीके से उसके प्राकृत वास में ले जाकर छोड़ भी दिया गया।
सर्पदंश जागरूकता अभियान स्कूली बच्चों के लिए बना संजीवनी
स्कूल में उपस्थित बच्चों ने बताया कि,यदि उन्हें कभी कोई सांप काट भी ले तो वे सीधे मोतीझील स्थित जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नंबर 3 में ही इलाज के लिए जायेंगे। ज्ञात हो कि,इसी विद्यालय में सर्पमित्र डॉ आशीष बच्चों को पूर्व में भी सर्प पहचान ,सर्पदंश उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर चुके है साथ ही इसी विद्यालय में सर्पदंश जागरूकता अभियान का विशेष पोस्टर भी बच्चों की जानकारी के लिए कक्षा की दीवार पर भी लगा हुआ है। जिससे बच्चे सभी प्रकार के जहरीले और बिना जहरीले सर्पों को ठीक से पहचानने भी लगे है।
सर्पदंश हेल्पलाइन नंबर से लोगों को मिलती है लगातार नि:शुल्क उपचार सहायता
जनपद में सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी जनता की बहुमूल्य जान बचाने के साथ साथ अब तक हजारों वन्यजीवों को इसी प्रकार से जीवन दान दे चुके है। अब जनपद इटावा की जनता सर्पदंश से भयमुक्त हो चुकी है साथ ही जनपद में संस्था ओशन के द्वारा चलाए जा रहे विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान से प्रेरित और जागरूक होकर लोगो ने किसी भी प्रकार के वन्यजीवों को मारना ही छोड़ दिया है और सीधे डॉ आशीष को उनके हेल्पलाइन नम्बर 7017204213 पर सूचना देने लगे है। जनपद में सर्पदंश जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद से एक बहुत ही बड़ा बदलाव आया है कि,अब सर्पदंश के बाद इटावा की जनता झाड़ फूंक न करवाकर सीधे जिला अस्पताल जाकर इलाज कराने लगी है। इस मौके पर स्कूल के शिक्षकों में
शकीला बानो इ.प्र.अ, सीमा शुकला स.अ,सोनी कुमारी स.अ, डॉ पीयूष दीक्षित स.अ, सरिता स.अ, प्रीति दीक्षित स.अ, बेबी नसरीन स.अ,सत्यवीर शिक्षामित्र सहित रसोइया रेखा देवी, रामा देवी, रहीसा बेगम मौजूद रही।