चतुर्थ दिवस —
आर्य समाज मंदिर भरथना में चल रहे वार्षिक उत्सव के चतुर्थ दिवस की प्रातः बेला में वैदिक सत्संग का आयोजन हुआ। आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान एवं भजनोपदेशक ने उपदेश दिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम से पधारे आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक जी द्वारा यज्ञ कराकर किया गया जिसमे यजमान के रूप में मंत्री मोहन आर्य , सतनाम पोरवाल और राजकमल जी सपत्नी उपस्थित रहे।
तदुपरान्त बहिन कल्याणी आर्या द्वारा “जीते जी ही होता है सच्चा श्राद्ध बुजुर्गों का…..” गीत के माध्यम से माता-पिता की सेवा को सर्वश्रेष्ठ बताया।
स्वामी प्रभुवेश जी महाराज और बकेवर से आए हुए आचार्य प्रेम सिंह जी द्वारा भगवान की उपासना की महत्ता को बताया एवं वैदिक यज्ञ के लाभ बताए ।
इस मौके पर लगभग दो सैकड़े लोगों की उपस्थिति रही जिसमे मातृशक्ति की एहम भूमिका रही।
अतः सभी महानुभाव से अनुरोध है रविवार को 11 कुण्डीय विशाल यज्ञ होगा जिसमे आप यजमान बनने के लिए पदाधिकारियों को सूचना दे दे।
इस आयोजन में प्रधान अरुण गुप्ता आर्य, मंत्री सत्यभान आर्य राजा, सत्येंद्र आर्य संजू, सीता आर्य, उषा आर्य, मनोरमा आर्य, ओम प्रकाश आर्य, मूलचंद आर्य, मोहन आर्य, राम लखन आर्य, वैभव आर्य,अतुल आर्य,अनिल आर्य,देवेंद्र भंसाली आर्य, नंदी आर्य, राजेश आर्य, अजय शर्मा आदि सभी लोग अपन
स्थान- आर्य समाज मन्दिर, महर्षि दयानन्द मार्ग (गली गोदाम), भरथना