खड़ंजा का आवंटित बजट जमीन निगल गई या आसमान खा गया आज तक किसी को नहीं पता
भरथना,इटावा- भरथना तहसील और विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत उमरसैंडा के मजरा ग्राम कुंअरपाल के ग्रामीणों को आज भी गांव से मुख्य मार्ग सम्पर्क तक पहुंचने के लिए एडी छोटी का जोर लगाना पड़ता है,यूं कहिए इस गांव के ग्रामीण अभी भी आजादी के 75 वें बर्ष पूर्व गुलामी जैसी जिंदगी जीने को मजबूर बने हुए हैं।सरकार की मंशानुसार और जागरूकता के चलते अब गांव गली का प्रत्येक गरीब से गरीब शिक्षा के प्रति जागरूक हो चुका है,जिसके चलते इस गांव के भी ग्रामीण अपने नन्हें मुन्हें बच्चों को शिक्षित बनाने को गांव से दूर विद्यालय भेजना चाहते हैं लेकिन दुर्भाग इस गांव का कि वे अभी भी गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीण सत्यप्रकाश,रमेश चंद,हाकीम सिंह,हुकुम सिंह,सुरेंद्र सिंह,सुनील कुमार,रजनेश कुमार,राहुल कुमार,अवधेश बाबू,अजय कुमार,विजय यादव,सुनील कुमार,भूरे सिंह,बृजेंद पाल, ऋषभ बाबू आदि ग्रामीणों ने बताया बड़े प्रयास के बाद इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव अंशुल द्वारा स्वीकृत हुए गांव से नहर पटरी तक के खड़ंजा निर्माण का विगत चार बर्ष पूर्व 17 अक्टूबर 2020 को नेताओं ने बड़ी भव्यता के साथ शिलान्यास किया था,उस समय ग्रामीणों को लगा कि उनका गांव भी अब गुलामी की जिंदगी से आजाद हो जाएगा लेकिन दुर्भाग्य शिलान्यास के पूरे चार बर्ष बीतने के बाद भी उक्त खड़ंजा नहीं बन सका और ग्रामीण पुनः गुलामों जैसी जिंदगी जीने को फिर मजबूर हो गए। साथ ही अपने नन्हें मुन्हें बच्चों को शिक्षित कराने को फिर मौहताज हो गए,कुछ ग्रामीण अपने बच्चों को इसी कीचड़ युक्त मार्ग से विद्यालय खुद छोड़ने जाते हैं।
बाबजूद सरकार और किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर अभी तक मूड के नहीं देखा कि इस गांव के लिए इटावा जिला पंचायत से आवंटित हुआ खड़ंजा निर्माण का धन आखिर जमीन निगल गई या असमा खा गया। आखिर इसकी जांच का जिम्मेदार कौन है, और वह चुप क्यों है,यदि शिलान्यास के बाद बजट वापस चला गया है तो बाद में स्वीकृत क्यों नहीं हुआ,और शिलान्यास की इतनी बड़ी पटिया आखिर ग्रामीणों और आम जनता को क्या संदेश दे रही है।ग्रामीणों ने बताया कि इसके सम्बन्ध में वे सम्पूर्ण समाधान तहसील दिवस और उपजिलाधिकारी कार्यालय समेत मुख्यालय पर जिलाधिकारी से जांच कराए जाने और उनके गांव का खड़ंजा निर्माण कराए जाने की दर्जनों बार प्रार्थना पत्र सौंप कर मांग कर चुके हैं लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर चार बर्ष बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया,ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वे जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से भेंट करेंगे।