इटावा- चंबल नदी पर उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले अत्याधुनिक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। 296 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 800 मीटर लंबे इस फोर लेन ब्रिज का नवंबर माह से ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। साथ ही,इस ब्रिज से यमुना नदी तक 8 किलोमीटर लंबा फोर लेन भी बनेगा,जिससे यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। इस पुल के निर्माण में करीब दो साल का समय लगेगा और इसके बन जाने के बाद यूपी-एमपी के बीच यात्रा करने वाले लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही,मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश आने वाले खनिज व्यापार में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा हाईटेक एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज होगा,जो प्रदेश की सीमाओं को मजबूत करेगा। गौरतलब है कि 1970 के दशक में चंबल नदी पर बनाए गए पुराने पुल के जर्जर हो जाने के कारण लंबे समय से एक नए ब्रिज की मांग की जा रही थी। अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों के आवागमन के कारण यह पुल कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है,जिससे दोनों राज्यों के यात्री और व्यापारियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जनप्रतिनिधियों की मांग पर सरकार ने नए ब्रिज की मंजूरी दी,लेकिन चंबल सेंचुरी वाइल्डलाइफ की एनओसी में देरी के चलते काम शुरू नहीं हो सका था।
अब सभी बाधाएं दूर हो गई हैं और नवंबर से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय मार्ग खंड के अधिशाषी अभियंता मुकेश ठाकुर ने बताया कि ग्वालियर-भिंड-इटावा को जोड़ने वाला यह नया पुल क्षेत्र के यातायात को मजबूत बनाएगा। 50 साल पुराने पुल के अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण नए ब्रिज की ज़रूरत थी। मुकेश ठाकुर ने कहा कि यह एक्स्ट्रा डोज सिग्नेचर ब्रिज न केवल मजबूत बल्कि बेहद खूबसूरत होगा। इसकी लागत 296 करोड़ रुपए है,जिसमें 8 किलोमीटर का फोर लेन भी शामिल है।